भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई तीन मैचों की वनडे इंटरनेशनल (ODI) सीरीज़ के आखिरी और सबसे रोमांचक मैच विशाखापत्तनम में हुआ, और यह सिर्फ एक मैच नहीं था, यह एक फाइनल था! सीरीज़ 1-1 से बराबरी पर थी। मतलब, जो टीम यह तीसरा मैच जीतती, वह पूरी सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लेती। सोचिए कितना ज़्यादा दबाव होगा! लेकिन हमारी टीम इंडिया ने दबाव को साइड में रखा और ऐसा खेल दिखाया कि साउथ अफ्रीका को भागने का मौका भी नहीं मिला {भारत ने ODI सीरीज़ जीती}।
टॉस का बॉस कौन?
क्रिकेट में टॉस जीतना आधा मैच जीतने जैसा होता है, खासकर जब पिच या मौसम का रोल अहम हो। हमारे कप्तान केएल राहुल ने सिक्का उछाला, और वह टॉस जीत गए! राहुल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी (Bowling) करने का फैसला किया।
विशाखापत्तनम में आउटफील्ड थोड़ी गीली थी, और कप्तान राहुल ने सोचा कि अगर हम पहले फील्डिंग करेंगे तो हमारे तेज़ गेंदबाजों को थोड़ी देर के लिए आराम मिल जाएगा। साथ ही, शाम को ओस (Dew) पड़ने की संभावना थी, जिससे बाद में बल्लेबाज़ी करना आसान हो जाता। यह एक बहुत ही सोच-समझकर लिया गया फैसला था।
साउथ अफ्रीका की पारी: डी कॉक का तूफान और फिर सन्नाटा
साउथ अफ्रीका की टीम बल्लेबाज़ी करने आई। उनकी शुरुआत अच्छी रही, और उनके सबसे बड़े बल्लेबाज़, क्विंटन डी कॉक, ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया। डी कॉक ने इतनी अच्छी बल्लेबाज़ी की कि ऐसा लगा जैसे वह सिर्फ छक्के और चौके मारने के लिए ही आए हैं!
डी कॉक का शानदार शतक
डी कॉक ने 106 रन बनाए। उनके रन बनाने की रफ़्तार बहुत तेज़ थी। वह जिस तरह से खेल रहे थे, ऐसा लग रहा था कि साउथ अफ्रीका का स्कोर 350 के पार जाएगा।
लेकिन जैसे ही डी कॉक आउट हुए, कहानी पलटने लगी। क्रिकेट में कहते हैं न, एक विकेट से पूरा मैच बदल जाता है, और यहाँ यही हुआ! डी कॉक का विकेट गिरते ही साउथ अफ्रीका के बाकी बल्लेबाज़ जैसे घबरा गए।
भारतीय गेंदबाज़ी का जाल
अब आया हमारे भारतीय गेंदबाजों का असली जलवा। हमारे गेंदबाजों ने बीच के ओवरों (Middle Overs) में ऐसी टाइट गेंदबाज़ी की कि साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ एक-एक रन बनाने के लिए तरस गए।
हमारे दो गेंदबाजों ने कमाल कर दिया:
कुलदीप यादव अपनी घूमती गेंदों से बल्लेबाजों को हमेशा फंसाते हैं। उन्होंने अपनी बेहतरीन स्पिन गेंदबाज़ी से 4 बड़े विकेट झटके। कुलदीप ने मिडिल ऑर्डर को पूरी तरह से तोड़ दिया।
तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा ने अपनी रफ़्तार और सही लाइन-लेंथ से बल्लेबाज़ों को परेशान किया। उन्होंने भी 4 विकेट लेकर साउथ अफ्रीका की पारी की कमर तोड़ दी।
इन दोनों गेंदबाजों की वजह से साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 270 रन बनाकर आउट हो गई। एक समय जो स्कोर 350 लग रहा था, वह 270 पर सिमट गया। यानी, भारतीय टीम ने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से 80 से 100 रन कम दिए। यह एक बहुत बड़ी बात थी!
भारत का लक्ष्य पीछा: रोहित और यशस्वी का तूफ़ान:
भारत को मैच और सीरीज़ जीतने के लिए 271 रन बनाने थे। यह लक्ष्य बड़ा था, लेकिन हमारी सलामी जोड़ी, कप्तान रोहित शर्मा और युवा सितारा यशस्वी जायसवाल, ने कहा— “यह काम हमारा है!”
रोहित शर्मा की आतिशबाज़ी:
कप्तान रोहित शर्मा ने आते ही गियर बदल दिया। उन्होंने कुछ ही गेंदों में बड़े-बड़े शॉट्स लगाकर साबित कर दिया कि वह कितने खतरनाक बल्लेबाज़ हैं।
रोहित ने एक तेज़ अर्धशतक (Half Century) बनाया। उनकी तेज़ शुरुआत ने यशस्वी जायसवाल को सेट होने का समय दिया।रोहित भले ही बाद में आउट हो गए, लेकिन उन्होंने टीम इंडिया को जीत की पटरी पर ला दिया था।
यशस्वी जायसवाल का पहला शतक (Maiden Century):

रोहित के आउट होने के बाद सारा दारोमदार युवा यशस्वी जायसवाल पर आ गया। आपको याद होगा, वह पिछले दो मैचों में ज़्यादा रन नहीं बना पाए थे। इसलिए उन पर दबाव था। लेकिन इस बार यशस्वी ने दिखाया कि वह क्यों खास हैं! उन्होंने धैर्य रखा (मतलब, उन्होंने जल्दबाज़ी नहीं की)। उन्होंने आक्रामक शॉट्स भी खेले (जब मौका मिला तब बड़े शॉट लगाए)।
इस शानदार बल्लेबाज़ी के दम पर यशस्वी ने अपना पहला वनडे शतक (100 रन) पूरा किया! यह उनके करियर का सबसे बड़ा पल था। वह अंत तक नाबाद (Not Out) रहे और टीम को जीत दिलाकर ही माने। उनकी यह पारी हमें बताती है कि वह भारत के भविष्य के बड़े स्टार हैं।
किंग कोहली का फिनिशिंग टच:
जब रोहित आउट हुए, तो क्रीज़ पर आए हमारे ‘किंग’ विराट कोहली। विराट को पता है कि मैच को कैसे खत्म करना है। विराट ने भी शानदार अर्धशतक (50 रन) बनाया। उन्होंने यशस्वी को गाइड किया (छोटे-छोटे लक्ष्य दिए, जैसा कि यशस्वी ने बाद में बताया)। आखिरी रन खुद विराट कोहली ने चौका मारकर बनाए! जैसे ही चौका लगा, पूरे स्टेडियम में शोर मच गया! भारत ने यह मैच 9 विकेट से और बहुत सारी गेंदें बाकी रहते हुए जीत लिया!
जीत, सीरीज़ और पुरस्कारों की बहार भारत ने यह मैच जीतकर 3 मैचों की सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम कर लिया। यह एक शानदार प्रदर्शन था!
कप्तान राहुल की बात
मैच जीतने के बाद कप्तान केएल राहुल बहुत खुश थे। उन्होंने कहा कि टीम ने हार नहीं मानी और धैर्य बनाए रखा। उन्होंने कुलदीप और प्रसिद्ध की गेंदबाज़ी की बहुत तारीफ़ की। राहुल ने मज़ाक में यह भी कहा कि टॉस जीतने पर उनकी टीम उन पर कभी गर्व नहीं करती!
विराट कोहली का संतोष
विराट कोहली को ‘प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़’ बनकर बहुत संतोष मिला। उन्होंने कहा, “मैंने पिछले 2-3 सालों से ऐसा नहीं खेला था। मैं मन ही मन बहुत आज़ाद महसूस कर रहा हूँ।” इसका मतलब है कि विराट कोहली अब पूरी तरह से अपनी पुरानी और बेहतरीन फॉर्म में वापस आ गए हैं, और यह टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी खबर है!
निष्कर्ष:
यह जीत सिर्फ एक सीरीज़ जीत नहीं है। यह जीत बताती है कि टीम इंडिया कितनी मजबूत है: युवा शक्ति: यशस्वी जायसवाल जैसे युवा सितारे जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। अनुभव का जादू: विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर्स सही समय पर अपना अनुभव दिखाते हैं। गेंदबाज़ी की गहराई: कुलदीप और प्रसिद्ध जैसे गेंदबाज़ किसी भी टीम को रोक सकते हैं।
